अगस्त की मेहनत का असर सितंबर में साफ तौर से दिखाई दे रहा है. इसके अलावा मुद्रास्फीति में भी एक अनुकूल सुधार हुआ है.
यह सर्वे दर्शाता है कि कोविड -19 की दूसरी लहर ने पहले लॉकडाउन और पहली लहर की तुलना में उपभोक्ता विश्वास को कहीं अधिक नुकसान पहुंचाया है.